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शब्द / अचल वाजपेयी
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,
03:41, 29 जून 2008
हिज्जे
कभी धुएँ का
अहसास
होत
होता
है
आओ, इस शब्द को
जलती आग-सा
जियें
जिएँ
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Sumitkumar kataria