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मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई / मीराबाई
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03:45, 28 अगस्त 2013
अंसुवन जल सींचि-सींचि प्रेम-बेलि बोई।
अब तो बेल फैल गई आणंद फल होई॥
दूधकी
दूध की
मथनियां बड़े
प्रेमसे
प्रेम से
बिलोई।
माखन जब काढ़ि लियो छाछ पिये कोई॥
भगति देखि राजी हुई जगत देखि रोई।
Sharda suman
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