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वो जो आए हयात याद आई / ख़ुमार बाराबंकवी
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07:34, 1 सितम्बर 2013
|रचनाकार=ख़ुमार बाराबंकवी
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तेरे दर से उठे ही थे कि हमें
तंगी-ए-कायनात याद आई
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Sharda suman
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