Changes

साँसों की आग, जिस्म की ख़ुशबू न ढल सकी
तुझ में जोलोच जो लोच है, मेरी तहरीर में नहीं
दुनिया में कोई चीज़ नहीं है तेरी तरह
फिर एक बार सामने आजा आ जा किसी तरह
क्या एक और झलक, मेरी तक़दीर में नहीं ?
Anonymous user