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फिर फागुन आया / मानोशी
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मानोशी
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=
फिर फागुन आया। =
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<poem>बहुत दिवस बाद आई स्मृति सुगंध,
यह मन भरमाया,
फिर फागुन आया।
दूर हुआ, प्रिय स्वदेश,
हिय घिर घन छाया,
फिर फागुन आया।</poem>
Sharda suman
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