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सबद / अर्जुनदेव चारण
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06:49, 15 अक्टूबर 2013
|संग्रह=घर तौ एक नाम है भरोसै रौ / अर्जुनदेव चारण
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KKCatMoolRajasthani
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<Poem>
बेटा सबद कदेई नीं देवै
आपरौ आपौ
कागद सूं न्यारी
सबदां परबारी
</Poem>
Sharda suman
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