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उणरी जबान / अर्जुनदेव चारण
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07:20, 15 अक्टूबर 2013
|संग्रह=घर तौ एक नाम है भरोसै रौ / अर्जुनदेव चारण
}}
{{
KKCatMoolRajasthani
KKCatRajasthaniRachna
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<Poem>
बेटी
रोवती होवै मोटी
पण उणरी जबान
कदेई नी खुलै
</Poem>
Sharda suman
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