Changes

|संग्रह=बोली तूं सुरतां / प्रमोद कुमार शर्मा
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
{{KKCatKavita‎}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}<Poempoem
जडां खोद‘र
उपर अनै ओर उपर
चढ़ता ऐ लोग
कांई समझ बैठ्या है
पेड़ नै !
स्यात् ।स्यात्।
जाणै नीं ऐ लोग
कै खेत
कणाई उलांड नईं सकै
मेढ़ नै ! 
</Poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,131
edits