गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
दिवला अर बाट /अंकिता पुरोहित
29 bytes added
,
12:56, 16 अक्टूबर 2013
|संग्रह=
}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
{{KKCatKavita}}<poem>छोरा
घर रा
दिवला होवै
बिना बाट
कदैई नीं देख्यो
दिवलै
नंै
नैं
करता च्यानणो।
दिवलै अर बाट री
दिवलै रै साथै
बाट नैं भी
अरथावणो पड़सी।</poem>
Mani Gupta
Delete, Mover, Reupload, Uploader
2,357
edits