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अबकै अदीतवार / मदन गोपाल लढ़ा
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17:45, 16 अक्टूबर 2013
अर तिप्पड़ माच ढाळ‘र
चांदणी रात में सुणनो चावूं रेडियो।
</Poem>
Sharda suman
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