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बापड़ा रुंख / रूपसिंह राजपुरी
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03:56, 18 अक्टूबर 2013
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<poem>टांग टूटै घोड़ै नै,
मरवा दियो जावै।
सूख चुकै फूलां नै,
Sharda suman
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