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03:59, 18 अक्टूबर 2013 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मोनिका गौड़
|संग्रह=
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
{{KKCatKavita}}
<poem>जूण रै
चरखै पर
कातूं
सांसां रो सूत
छूट ज्यावै कदैई
तकळी, पूणी कदैई
उतर जावै ताणो
पण चालतो जावै-
चरखो।</poem>