गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
जीवन का हर पल / मानोशी
130 bytes added
,
02:15, 21 अक्टूबर 2013
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मानोशी
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>जीवन का हर पल है तुम से, तुमको ही अर्पित जीवन हूँ ।
रोम-रोम में कस्तूरी ज्यों, आते-जाते श्वासों में तुम,
जीवन का हर पल है तुम से, तुम को ही अर्पित जीवन हूँ ।
</poem>
Sharda suman
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader,
प्रबंधक
35,132
edits