Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरकीरत हकीर }} {{KKCatNazm}} <poem>तुम्हारे पा...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=हरकीरत हकीर
}}
{{KKCatNazm}}
<poem>तुम्हारे पास ….
उसके साथ बिताये हुए
उम्र भर के सुनहरे पल थे
और मेरे पास
तुम्हारे साथ बिताये
बस कुछ घड़ी के पल
मेरी नज्में मुड़ - मुड़
परत आती हैं
उन बुतों की ओर
जो मुहब्बत की उडीक में
कभी पत्थर हो गए थे ….
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
2,357
edits