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कौन किसे कब रोक सका है / मानोशी
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15:21, 14 अप्रैल 2018
|रचनाकार=मानोशी
|अनुवादक=
|संग्रह=
उन्मेष / मानोशी
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कौन किसे कब रोक सका है
दर्प पतन का प्रथम घोष है,
गिरने से पहले का इंगित,
भाग्य ने
बैठाया
जिस जगह
बिठाया
भाग्य ने
छिन जायेगा सब कुछ संचित,
दो क्षण के इस जीवन में क्या
Manoshi Chatterjee
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