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काश! / मानोशी
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|रचनाकार=मानोशी
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<poem>काश! रात ये लम्बी होती,
सुबह नही यूँ जल्दी होती।
तो किस्मत क्या अपनी होती...
काश रात ये लंबी होती,
सुबह नही यूं जल्दी होती।</poem>
Sharda suman
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