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चलो हम आज / मानोशी
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|रचनाकार=मानोशी
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<poem>चलो हम आज
सुनहरे सपनों के
रुपहले गाँव में
सुनहरे सपनों के
रुपहले गाँव में
घर
बसायें ।
बसायें।
</poem>
Sharda suman
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