Changes

अंतस रा राज / गंगासागर शर्मा

566 bytes added, 14:13, 22 नवम्बर 2013
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गंगासागर शर्मा |संग्रह= }} {{KKCatRajasthani‎Ra...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=गंगासागर शर्मा
|संग्रह=
}}
{{KKCatRajasthani‎Rachna}}
{{KKCatKavita‎}}
<poem>समंध-सगपण री गरमास में
जद-कद खोल नाखूं
अंतस रा राज
पण जद
वैं बातां
बण जावै अखबार
आखै गांव सारू
तो काळजै जागै कसक।
राज बतावणो
म्हारी भावुकता है
कै मजबूरी?</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
5,484
edits