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जब समंदर में सूरज कहीं खो गया / रमेश 'कँवल'
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11:26, 4 जनवरी 2014
ख़ुश्क खेतों में ख्वाबे-हसीं सो गया
आंख मलता हुआ वहमे-दिलकश2उठा बिस्तरे-शब3 पे जिस्मे-यक़ीं4 सो गया
जाने क्या बात थी रात ठहरी नहीं
Mani Gupta
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