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18:46, 30 जनवरी 2014 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=उत्तमराव क्षीरसागर
|अनुवादक=
|संग्रह=
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<poem>लहर-बहर
एक लहर
लहर सागर की ।
सागर अथाह
अथाह जलराशि
'लहर ठहर ज़रा,'
पुकार-पुकार हारेंगे
लहर कभी रूकती है क्या !
लहर
थाह लेती है सागर की
-1998 ई0</poem>