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अख़बार / बुद्धिनाथ मिश्र
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06:40, 6 मार्च 2014
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<poem>
अपराधों के
जिला
ज़िला
बुलेटिन
हुए सभी अख़बार
सत्यकथाएँ पढ़ते-सुनते
मात कर रहे टी० वी० चैनल
अब मछली
बाज़ार।
बाज़ार ।
फ़िल्मों से, किरकिट से,
सच से क्या ये अन्धे
कर पाएँगे आँखें चार?
मिशन नहीं गन्दा पेशा यह
अनिल जनविजय
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