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अनुभव / ज़्यून तकामी
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19:32, 28 नवम्बर 2007
दर्पण में झाँका
और बगीचे के हरेपन को
सोचा कि देखूंगा
देखने की कोशिश की
हरापन बाँस का
दर्पण में दिखाई दिया मुझे
नीला
प्रतिबिम्ब
आसमान
आकाश
का ।
अनुभव का यह प्रहार ।
दर्द से सिर
अनिल जनविजय
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