484 bytes added,
07:07, 24 मार्च 2014 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
|अनुवादक=
|संग्रह=नई खेती / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
न तो मैं सबल हूं,
न तो मैं निर्बल हूं,
मैं कवि हूं।
मैं ही अकबर हूं,
मैं ही बीरबल हूं।
</poem>