773 bytes added,
10:53, 24 मार्च 2014 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
|अनुवादक=
|संग्रह=नई खेती / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
}}
{{KKCatGeet}}
{{KKCatAwadhiRachna}}
<poem>
जनी जनिहा मनइया जगीर मांगात
ई कलिजुगहा मजूर पूरी शीर मांगात
बीड़ी-पान मांगात
सिगरेट मांगात
कॉफी-चाय मांगात
कप-प्लेट मांगात
नमकीन मांगात
आमलेट मांगात
कि पसिनवा के बाबू आपन रेट मांगात।
</poem>