{{KKShayar}}
====ग़ज़लें====
* [[ कब शौक़ मिरा जज़्बे से बाहर न हुआ था / शाकिर खलीक]]* [[तन्हाई का ग़म ढोएँ और रो रो जी हलकान करें / शाकिर खलीक]]* [[भुगत रहा हूँ ख़ुद अपने किए का ख़ामयाज़ा / शाकिर खलीक]]* [[हम जुर्म-ए-मोहब्बत की सज़ा पाए हुए हैं / शाकिर खलीक]]