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झूठ पर कुछ लगाम है कि नहीं / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
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10:29, 29 मार्च 2014
इक नए ही लिबास में है ग़ज़ल
ये '
अकेले
अकेला
' का काम है कि नहीं
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वीरेन्द्र खरे अकेला
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