गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
उठ जाग मुसाफिर भोर भई / भजन
79 bytes added
,
06:44, 21 अप्रैल 2014
{{KKGlobal}}
{{
KKBhajan
KKRachna
|रचनाकार
=अज्ञात
|अनुवादक=
|संग्रह
=
}}
{{KKCatBhajan}}
<poem>
उठ जाग मुसाफिर भोर भई, अब रैन कहाँ जो तू सोवत है
Lalit Kumar
Founder, Mover, Uploader,
प्रशासक
,
सदस्य जाँच
,
प्रबंधक
,
widget editor
21,881
edits