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बस एक शख्स ऐसा हो , जो टूट कर वफ़ा करे / श्रद्धा जैन
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,
20:23, 30 अप्रैल 2014
वो ख़्वाब पूरे होंगे कब, ये 'श्रद्धा' जानती नहीं
कज़ा से पहले
दो घड़ी
चार पल
ख़ुशी
की
के
, रब अता करे
</poem>
Shrddha
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