*ताँका -शब्द का अर्थ है लघुगीत । लयविहीन काव्यगुण से शून्य रचना छन्द का शरीर धारण करने मात्र से ताँका नहीं बन सकती ।
*साहित्य का दायित्व बहुत व्यापक है अत: ताँका को किसी विषय विशेष तक सीमित नहीं किया जा सकता।
* [[सुधा गुप्ता ]] का सात छेद वाली मैं और [[रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु']] का झरे हरसिंगार चर्चित ताँका -संग्रह हैं
==[[चोका]]==