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वसंत हमें अपने पंख दे दो / दिनकर कुमार
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07:13, 6 मई 2014
और आकाश हमें उड़ने दो
इस छोर से लेकर
उस
छोड़
छोर
तक
हमारे अंगों को उज्ज्वल बनाओ वसन्त
अनिल जनविजय
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