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कर्तव्यों की नौका बातों से खेता है / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
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09:47, 14 मई 2014
शेखर को मुन्नन से लड़वाया किसने
नोने के घर डाका पड़वाया किसने
रहने दे मालुम
सब
है
मालूम हमें
तू कैसा नेता है
मामा के आगे ममियारे की देता है
कर्तव्यों की नौका
..
..............................
बोला था तुझसे रहना है चौकन्ना
Tanvir Qazee
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