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{{KKRachna
|रचनाकार=राजेन्द्र जोशी
|संग्रह=सब के साथ मिल जाएगा / राजेन्द्र जोशी
}}
{{KKCatKavita‎}}<poem>फिर आ गया चुनाव
किसका चुनाव
कैसा चुनाव
वोट देने का चुनाव
वोट किसको देना हैं
जो वादें करें
घोषणा-पत्र निकाले
परंतु घोषणा मिलती कहॉ हैं
मुझे तो आज तक नहीं मिली
फिर मैं वोट किसको दूंगा
क्यों नहीं देते घोषणा-पत्र
इस बार लाऊॅंगा
नहीं मिलेगा तो खरीद लूंगा
बाजार में जाऊंगा
इसका मोल बताऊंगा
फिर वोट दे आऊॅंगा
सरकार बनाऊंगा
मेरे वोट से ही तो बनेगी
वो सरकार मेरी होगी
उसी घोषणा-पत्र से चलेगी
नहीं चलेगी तो ?
घोषणा-पत्र को अदालत में ले जाऊंगा
अदालत सुनेगी !
नहीं तो जनता की अदालत में ले जाऊंगा
इस बार सरकार घोषणा-पत्र से ही चलाऊंगा!
</poem>
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