Changes

नगर-शोभा / रहीम

1 byte added, 02:33, 15 मई 2014
गरब तराजू करति चख,भौंह मोरि मुस्काति।
डांडी मार ति विरह की,चित चिंता घटि जाति।।145।।
<poeM/poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,131
edits