728 bytes added,
06:31, 16 मई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=कृष्णदास
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatPad}}
<poem>
(मंगला दर्शन के समय)
खेलत वसंत निस पिय संग जागी।
सखी वृंद गोकुल की सोभा गिरिधर पिय पदरज अनुरागी॥१॥
नवल कुंज में गुंजत मधुप पिक विविध सुगन्ध छींट तन लागी।
कृष्णदास स्वामिनी युवती यूथ चूडामणि रिझवत प्राणपति राधा बडभागी ॥२॥
</poem>