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18:01, 21 मई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=राजेन्द्र जोशी
|संग्रह=मौन से बतकही / राजेन्द्र जोशी
}}
{{KKCatKavita}}<poem>लिखना चाहता हूँ मैं
एक कविता
घने अंधकार में
कविता से
निकलती रोशनी
उसकी मृत्यु की घोषणा करती
लिखी जाएगी
कविता का उजला प्रकाश
अंधकार के पतन की घोषणा
स्थिर हो जाएगा प्रकाश
एक कविता से
जलती रहेगी लौ
जो लिखूंगा मैं कविता
घने अंधकार में।
</poem>
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