Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हनुमानप्रसाद पोद्दार |अनुवादक= |...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=हनुमानप्रसाद पोद्दार
|अनुवादक=
|संग्रह=पद-रत्नाकर / भाग- 4 / हनुमानप्रसाद पोद्दार
}}
{{KKCatPad}}
<poem>
राधा ने दे दर्शन सुर-‌ऋषि को कृपया कर दिया निहाल।
करने लगे स्तवन गद्‌‌गद हो प्रेमपूर्ण-दृग मुनि तत्काल॥

महायोगमयि मायाधीश्वरि तेजपुंज जननी जय-जय।
माधुर्यामृतवर्षिणि कृष्णाकर्षिणि कृष्णात्मा जय-जय॥

परमेश्वरि रासेश्वरि नित्य-निकुंजेश्वरि अह्लादिनि जय-जय।
नित्याचिन्त्य अनन्त अनिर्वचनीय रूप-गुण-निधि जय-जय॥
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
2,357
edits