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रुपये एकत्रित करना है|,
हमको गुल्लक भरना है|
इन रुपयों से वृद्धों की,
लाचारी में बेचारे,
पीते न कुछ खा पाते|
इनकी झोली भरना है|,
इन्हें मदद कुछ करना है|
सहन नहीं जो कर पाते,
बिना मौत के मर जाते|
हमें दुखों को हरना है|,
उनकी रक्षा करना है|
हाथों में लेकर सूरज,
हमें हटाना है तम को|
हमें उजाला करना है|,
अंध‌कार से लड़ना है|
</poem>
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