2,488 bytes added,
17:37, 30 जून 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= संस्कारपरक गीत / मैथिली लोकगीत
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>मास साओन अति सोहाओन, दूर सौं गरजत मेघ यो
रानी रुक्मिणी पलंगा सूतलि, स्वप्ने देखल एक बात यो
स्वप्ने देखल एक पुरुष सुन्दर, गर्भ लेल अवतार यो
मास भादव विषम लागब, सेज गहन करू मोर यो
मास आसीन आस लागल पान राखल प्राण यो
पान खयलनि रानी रुक्मिणी, सेज सुतलि निश्चिन्त यो
कातिक नन्दी करे ककेहरा, सब सखी गंगा स्नान यो
हमहुँ भउजी घरमे बइसल, कंगन माँगी बधाइ यो
अगहन सारिल लिबि गेल, सासु पुछथि एक बात यो
कोन दुख तोरा भेल हे रानी, कहू ने हमरा बुझाइ यो
नहि मोरा सर्दी आ ने गर्मी, नहि मोरा बोखार यो
चढ़ल मास पाँचम, गर्भ लेल अवतार यो
पूस प्रेम सिनेह, ननदी भऽ गेल अजगर देह यो
पूरल मनोरथ माघ हे सखी, गर्भ लेल अवतार यो
फागुन हे सखी खेलत होरी, उड़त रंग गुलाल यो
रानी रुक्मिणी पलंगा सूतल, ससरि खसल डर-चीर यो
मास हे सखि चैत, खीर पउरल थार यो
दशम मास बैसाख हे सखी, थर-थर काँपय करेज यो
माय सुभद्राक नाम सुमिरहुँ रामजी होयत सहाय यो
हरख नारायण सोहर गाओल, पूरल दसो मास यो
पूरल मनोरथ मोर हे सखी, जन्म लेल नन्दलाल यो
</poem>