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18:08, 30 जून 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= संस्कारपरक गीत / मैथिली लोकगीत
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{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>घर जगजननी बाहर जगजननी
अहीं तऽ प्राणक आधार जगजननी
कोने फूल ओढ़न मा के
कोने फूल पहिरन
कोने फूल गांथू ग्रीमोहार जगजननी
अहीं तऽ प्राणक आधार जगजननी
बेली फूल ओढ़न मा के
चमेली फूल पहिरन
अड़हुल फूल गांथू ग्रीमोहार जगजननी
अहीं तऽ प्राणक आधार जगजननी
कल जोड़ि मिनती करै छी हम हे
मंगै छी कृपा तोहार जगजननी
अन - धन दिअ मां हे
और गोदीमे पुत्र दीअ
मांगी हम सींथक सोहाग जगजननी
अहीं तऽ प्राणक आधार जगजननी
</poem>
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