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19:05, 30 जून 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
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{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>माइ हे त्रिभुवनपति वर सुन्दर है
माइ हे सिया मोरा छथि सोहागिन हे
माइ हे आठहि मिलि सब चलल हे
माइ हे हजमा सऽ पल्लव बन्हाओल हे
माइ हे सोनक उखरि रूपे मूसर छनि
माइ हे उखरि पड़ल दूभि धान हे
दस दाइ माइ मिलि मंगल गाओल हे
माइ हे आठ मिलि कूटथि ओठंगर हे
माइ हे पंडित वेद पढ़ाओल हे
भनहि विद्यापति गाओल गाबि सुनाओल हे
माइ हे सीताराम भेल विवाह कोबर बैसाओल हे
</poem>
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