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'{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= बिय...' के साथ नया पन्ना बनाया
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{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
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<poem>पीपरक पात अकासहि डोलय शीतल बहय बसात यो
ताहि तर बाबा पलंगा ओछाओल सुतय पीताम्बर तानि यो
आइ हे माइ पर हे परोसिन, बाबा के दियनु जगाइ हे
जिनका घर बाबा कन्या कुमारि, सेहो कोना सूतल निश्चिन्त यो
जइयौ यौ अयोध्या नगरी राजा दशरथ हुनि राम यो
राजा दशरथ के चारि बालक छनि, एक श्यामल तीन गोर यो
कारी देखि जुनि भुलबै यो बाबा, कारी के तिलक चढ़ायब यो
</poem>
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