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19:19, 30 जून 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>सूतल छलहुँ ऊँच रे हवेलिया
सुतलहुँ आंचर ओछाइ गे माई
सुतलमे बाबा सपन एक देखलहुँ
तिरहुत हाट विवाह गे माई
जे तिरहुतिया साजल बरिअतिया
थर-थर कांपय करेज गे माई
किए देखि आहे बेटी बइसक देबनि
किए देखि देबनि तमोल गे माई
किए देखि आहे बेटी जइतुक देबनि
किए देखि सुबुधि सिआन गे माई
चालि देखि आहे बेटी बइसक देबनि
मुख देखि देबनि तमोल गे माई
धन देखि आहे बेटी जइतुक देबनि
सीता देबनि सुबुधि सिआन गे माई
</poem>
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