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07:02, 1 जुलाई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>सुन गे सखिया आजु होइ छनि रघुबर के चुमान
आंगन चानन नीपू कोशिल्या सुनू गे सखिया
गजमोती चौक पुराउ
अलस कलस लय पुरहर राखल सुनू गे सखिया
माणिक नेसू प्रहलाद
दुभि ओ धान लय मुनि सभ आयल सुनू गे सखिया
चुमाबहु सीया श्रीराम
</poem>
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