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07:03, 1 जुलाई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>आजु सुदिन दिन निर्मल बनल अछि
सोना आ चन्दा समान
गे माइ, झुमि झुमि कऽ करियनु चुमान
आंगन चानन नीपू कोशिल्या
गजमोती देल अरिपन, गे माइ झुमि ....
अलस कलश लय पुरहर साजल
माणिक नेसू प्रहलाद, गे माइ झुमि ....
</poem>