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07:04, 1 जुलाई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>करू सखि मंगलगान हे, सिया रघुवर के होइ छनि चुमान हे
कांचहि बांस के डलबा रे डलबा, ताही साजल दूभिधान हे
चानन काटि कऽ पीढ़िया बनाओल, ताहि बैसल श्री राम हे
चुमबय एली आमा सोहागिन, दीऔ, आमा मनसँ आशीष हे
चुमबय एली काकी सोहागिन, दिऔ, काकी मनसँ आशीष हे
चुमबय एली भउजी सोहागिन, दीऔ भउजो मनसँ आशीष हे
करू सखि मंगलगान हे, सिया रघुवर के होइ छनि चुमान हे
</poem>