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07:08, 1 जुलाई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>नदिया के तीरे तीरे माली फुलबरिया, ताहिमे चानन के गाछ हे
ताहितर मालिन बेटी पलंगा ओछाओल, राजा बेटा खेलय शिकार हे
सब दिन आबै छलहुँ भोर भिनसरबा, आइ किए एती एती राति हे
अहूँ सँ सुन्नरि धनि मालिन केरि बेटिया, ओ मोरा राखल लोभाइ हे
आबथु मालिन बेटी पलंगा चढ़ि बैसथु, कओने रीति जोड़ल सिनेह हे
ताही खन मालिन बेटी पलंगा ओछाओल, मनेमन जोड़ल सिनेह हे
</poem>