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07:51, 1 जुलाई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>सुन्दर कनियां राम रतनियां, सोने मूठी लागल केबार हे
नव वर-नव कनियां
ताहि कोबर सुतला दुलहा से फल्लां दुलहा, संग लागि सिया सुकुमारि हे
नव वर-नव कनियां
घुरि सुतू फिरि सुतू राजाजी के बेटिया, अहीं घामे चादरि मलीन हे
नव वर-नव कनियां
एतबा वचन जब सुनलनि कनियां सुहबे, सेज छोड़ि भूमिमे लोटथि हे
नव वर-नव कनियां
अंगना बहारैत तोहें सलगी गे चेरिया, सरहोजि दही ने बजाई हे
नव वर-नव कनियां
आबथु सरहोजि बैसथु पलंग चढ़ि, देखि लेथु ननदो चरित्र हे
नव वर-नव कनियां
अहाँ तऽ नन्दोसिया जी सांवर रे भमरवा, मोरा ननदी कमलक फूल
नव वर-नव कनियां
</poem>