1,079 bytes added,
07:51, 1 जुलाई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>रामहि लछुमन वन कय चललाह, बाटहिं लागल पियास हे
एहि रे नगरियामे केओ नहि अपन, लछुमन के लागल पियास हे
घरसँ बहार बेली कनियां सुहबे, माथ कलस नेने ठाढ़ हे
पीबू पीबू आहे देओर ईहो शीतल पनियां, इहो थिक जमुनाक नीर हे
ककर बेटी ककर कुल जनमल किये थीक स्वामीक नाम हे
जनक जीक बेटी जनक कुल जनमल, श्रीराम थीक स्वामीक नाम हे
</poem>