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07:52, 1 जुलाई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>कमलक दहे दहे बेली फूल फूलल, आओर फूलल कचनार हे
फूल लोढ़ऽ गेलाह दुलहा से फलाँ दुलहा, लुबुधि रहल छबे मास हे
घरसँ बहार भेली कनियाँ सुहबे, नैनासँ झहरय नोर हे
किए मोन पड़ल सुहबे माय-बाप बहिनी, किए मोन पड़लै पंडित भाय हे
नहि मोरा मोन पड़लै सासु, माय-बाप बहीनि, नहि मोन पड़लै पंडित भाय हे
एक मोन पड़लै सासु अहीं केर बेटबा, जिनि बिनु पलंगा उदास हे
</poem>