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समोसे / वीरेन डंगवाल
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12:23, 22 दिसम्बर 2007
बेंच पर सीला हुआ मैल था एक इंच
मेज पर
मिक्खयां
मक्खियाँ
चाय के जूठे गिलास
दाद पाने की इच्छा से पैदा
मूर्खता से फैलाये मैंने तारीफ में
होंट
होंठ
कानों तलक
अनिल जनविजय
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